सचिन तेंदुलकर को भारत में क्रिकेट का भगवान कहा जाता है लेकिन विदेशों में टेस्ट मैच न जीता पाने के चलते उनकी अक्सर आलोचना होती है. सचिन का टेस्ट क्रिकेट में औसत 53.78 का है लेकिन विदेशों में चौथी पारी में वे 28.92 की मामूली औसत से रन पाए थे. सचिन की मौजूदगी वाले केवल सात टेस्ट मैचों में भारत विदेशों में चौथी पारी में सफलतापूर्वक लक्ष्य का पीछा कर पाया. इन मैचों में सचिन ने चार पारियों में 42.66 की औसत से रन बनाए लेकिन इस दौरान वे एक भी शतक नहीं लगा पाए. साथ ही उनके बल्ले से केवल एक ही अर्धशतक निकला.
दिलचस्प बात है कि अक्सर तेंदुलकर से तुलना पाने वाले विराट कोहली के टेस्ट रिकॉर्ड की कभी भी इस लिहाज से तुलना नहीं हुई. क्या कोहली के चौथी पारी में प्रदर्शन को कसौटी पर नहीं कसा जाना चाहिए. कोहली की बल्लेबाजी की काबिलियत पर सवाल उठाना ज्यादती हो सकती है लेकिन बहुत कम लोगों ने इस क्रिकेटर के टेस्ट मैचों के प्रदर्शन का विश्लेषण किया है.
निसंदेह कोहली का वनडे में प्रदर्शन जबरदस्त है लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनके लिए ऐसा कहना मुश्किल है. टेस्ट मैचों में कोहली की औसत(45 के करीब) बढि़या है. लेकिन वे अभी तक विदेशी धरती पर लक्ष्य का पीछा करते हुए जीतने वाली टीम का हिस्सा नहीं बने हैं.
वनडे क्रिकेट में लक्ष्य का पीछा करने में कोहली की काबिलियत को लेकर काफी कुछ लिखा जा चुका है बावजूद इसके कुछ जीतने लायक मैचों में वे टीम की नैया पार नहीं करा पाए हैं.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने अपने साथी कमेंटेटर संजय मांजरेकर का पर्थ टेस्ट के दौरान इस आंकड़े की तरफ ध्यान खींचा. हालांकि क्लार्क ने कहा कि 2018 में लक्ष्य का पीछा करने के दौरान कोहली के आंकड़े अच्छे नहीं है लेकिन वे वर्तमान क्रिकेट के ग्रेटेस्ट चेजर(लक्ष्य का पीछा करने वाला) हैं.
जब कोहली और लक्ष्य का पीछा करते हुए कामयाबी की बात होती है तो बड़े टूर्नामेंटों में उनका प्रदर्शन याद आता है.
विदेशों में 49 मैचों में कोहली 28 जीते हुए मैच का हिस्सा बने हैं और इस दौरान उनका औसत 60 से उछलकर 92 पर पहुंच जाता है. लेकिन यह पूरा सच नहीं है.
रिकॉर्ड के लिए बता दें कि वनडे में लक्ष्य का पीछा करने के दौरान तेंदुलकर ने भी कम कमाल नहीं किए हैं. विदेशी धरती पर 72 वनडे में उनके रहते 32 बार टीम जीती और उनका औसत 43.03 का है.
अभी ऑस्ट्रेलिया में भारत के पहली टेस्ट सीरीज जीतने की उम्मीदें समाप्त नहीं हुई है और वह श्रंखला जीत भी सकता है. ठीक इसी प्रकार कोहली भी आने वाले दो टेस्ट मैचों में चौथी पारी में जबरदस्त शतक लगाकर टीम को जीता सकते हैं लेकिन तब तक उनके चौथे पारी के प्रदर्शन पर सवालिया निशान लगा रहेगा.
from Cricket – India News https://ift.tt/2ChLT3B



No comments:
Post a Comment