हिंदी न्यूज़ – 45,000 करोड़ रुपए का खेल है IPL, जानिए टीम कैसे करती हैं कमाई  – IPL auction 2019 game of 45 thousand crores know how team earn - News India

Browse the top news headlines from India on Crime, Education, Politics, Current Affairs, Sports, Entertainment, Technology and Indian Business News at The Indian Express.

Breaking

Free Hosting

Tuesday, 18 December 2018

हिंदी न्यूज़ – 45,000 करोड़ रुपए का खेल है IPL, जानिए टीम कैसे करती हैं कमाई  – IPL auction 2019 game of 45 thousand crores know how team earn


इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 12 संस्‍करण शुरू हो चुका है. आठ टीमें क्रिकेट प्रेमियों का भरपूर मनोरंजन करेंगी और इस खेल से जुड़ी कंपनियां करोड़ों रुपए की कमाई. हालांकि, अभी तक चुनाव के चलते तारीख तय नहीं हुई है. पिछले 11 साल में आईपीएल की कीमत शून्‍य से हजारों करोड़ रुपए हो गई है. ग्लोबल वैल्यूएशन और कॉर्पोरेट फाइनेंस एडवाइजर कंपनी Duff & Phelps की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में IPL की ब्रांड वैल्यू 630 करोड़ डॉलर (करीब 45000 करोड़ रुपए) पर पहुंच चुकी है.

बिजनेस, एंटरटेनमेंट और स्‍पोर्ट्स को एक साथ एक प्‍लेटफॉर्म पर लाने के पीछे ललित मोदी का दिमाग था. जब 2008 में IPL की शुरुआत हुई तो इसे भारत के लिए एक बेशकीमती खेल प्रतीक के रूप में देखा गया. इस लीग के जरिये न केवल दुनियाभर के बेहतरीन क्रिकेट खिलाडि़यों को एक जगह इकट्ठा किया गया, बल्कि इसने कॉर्पोरेट भारत को भी अपने साथ जोड़ लिया. अभी भी बहुत से लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कैसे आईपीएल फ्रेंचाइजी करोड़ों रुपए में स्‍टार खिलाडि़यों को खरीद रही हैं और उनको कैसे कमाई हो रही है.

ये भी पढ़ें: बेरोजगारों के लिए खुशखबरी! जल्द 1 लाख लोगों को Job देंगे सरकारी बैंक

आईपीएल को बिजनेस के‍ लिए किया गया है डिजाइन

आईपीएल की वास्‍तविकता यह है कि इसे बिजनेस के दृष्टिकोण से डिजाइन किया गया है. यह एक क्रिकेट टूर्नामेंट है, जिसे मूल्‍यवान कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के तौर पर विकसित किया गया है. यह कंपनियों को आक्रामक ढंग से अपने बिजनेस का विज्ञापन करने का अवसर प्रदान करता है. आईपीएल का प्रमुख बिजनेस प्‍लान यह है कि प्राइवेट कंपनियों को क्रिकेट फ्रेंचाइजी खरीदने के लिए बुलाया जाए. जब फ्रेंचाइजी को बड़ी कीमत पर बेच दिया जाएगा, तब कॉर्पोरेट्स भारतीय क्रिकेट में निवेश के लिए आकर्षित होंगे. यही वह रास्‍ता है जहां से पैसा आता है.

बड़ी-बड़ी कंपनियां लगाती हैं पैसा

आईपीएल ने कॉर्पोरेट इंडिया को भारतीय क्रिकेट के ड्रेसिंग रूम में आने की अनुमति दी है. इससे पहले स्‍पॉन्‍सर्स कभी प्‍लेयर्स की टीशर्ट पर अपनी कंपनी के लोगो के लिए पैसा नहीं देते थे, लेकिन अब इसके लिए मोटी रकम चुकाई जा रही है. अंतरराष्‍ट्रीय और बड़ी कंपनियां इस खेल को स्‍पॉन्‍सर कर रही हैं. भारत में क्रिकेट को लेकर अजीब पागलपन है, दुनिया में सबसे ज्‍यादा क्रिकेट प्रेमी और जनसंख्‍या भारत में हैं, जो लगातार बढ़ रही है. सभी लोग इस बात से सहमत हैं कि एंटरटेनमेंट इंडस्‍ट्री में कभी मंदी नहीं आती और आईपीएल बॉलीवूड और क्रिकेट का कॉकटेल है, जो केवल एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट का वादा करता है.ये भी पढ़ें: आप भी ऐसे शुरू करें अपना फूड बिज़नेस, सिर्फ 59 मिनट में मिलेगा लाइसेंस

आईपीएल टीम ऐसे बनाती हैं पैसा

मीडिया राइट्स: आईपीएल में एक रेवेन्‍यू डिस्‍ट्रीब्‍यूशन मॉडल है, जहां बीसीसीआई ब्रॉडकास्‍टर और ऑनलाइन स्‍ट्रीमर से मोटी रकम वसूलता है. इसमें से अपनी फीस काटकर इस रकम को सभी आईपीएल टीम के बीच बांटा जाता है. इसका बंटवारा टीम रैंक के आधार पर होता है. खेल के अंत में जिस टीम की रैंक जितनी अधिक होती है उसे मीडिया रेवेन्‍यू में उतना बड़ा हिस्‍सा मिलता है. आईपीएल टीम द्वारा कुल कमाई में 60-70 फीसदी हिस्‍सा मीडिया राइट्स का होता है.

ब्रांड स्‍पॉन्‍सरशिप: ब्रांड स्‍पॉन्‍सरशिप के जरिये भी आईपीएल फ्रैंचाइजीस एक बड़ी रकम हासिल करती हैं. फ्रैंचाइजी ब्रांड के साथ टाइअप कर उनके ब्रांड व लोगो को टीम किट और जर्सी पर छापते हैं. स्‍टेडियम की बाउंड्री पर लगने वाले विज्ञापनों से भी कमाई होती है. खिलाड़ी की छाती और पीठ पर बड़े व बोल्‍ड अक्षरों में उस कंपनी का नाम या लोगो लगाया जाता है तो सबसे ज्‍यादा स्‍पॉन्‍सरशिप फीस चुकाता है. स्‍पॉन्‍सर्स टीम खिलाडि़यों के साथ कुछ कार्यक्रम भी आयोजित कर सकता है, जिसके जरिये वह अपने ब्रांड को प्रमोट करता है. कुल कमाई में स्‍पॉन्‍सरशिप का हिस्‍सा 20-30 फीसदी होता है.

टिकट बिक्री: स्‍टेडियम में टिकट बिक्री से भी कमाई होती है. टिकट का दाम टीम मालिक तय करते हैं. आईपीएल टीम के रेवेन्‍यू में टीकट की हिस्‍सेदारी तकरीबन 10 फीसदी है.

ये भी पढ़ें: IPL Auction 2019: 145 करोड़ रुपये दांव पर, 70 खिलाड़ियों की खुलेगी किस्मत!

प्राइज मनी: आईपीएल में बहुत बड़ी नकद राशि ईनाम के तौर पर दी जाती है. 2016 में 47 करोड़ रुपए ईनाम के तौर पर दिए गए. टूर्नामेंट की चैंपियन टीम को ईनाम राशि का सबसे बड़ा हिस्‍सा मिलता है. प्राइज मनी को टीम मालिक और खिलाडि़यों के बीच बांटा जाता है.

मर्चेंडाइज सेल्‍स: भारत में खेल सामग्री का बाजार सालाना आधार पर 100 फीसदी की दर से बढ़ रहा है और यह बाजार तकरीबन 3 करोड़ डॉलर का है. प्रत्‍येक फ्रैंचाइजी मर्चेंडाइज की बिक्री करती है, जिसमें टी-शर्ट, कैप, रिस्‍ट वॉच और अन्‍य कई सामग्री शामिल हैं.

स्‍टॉल का किराया: मैच के दौरान फूड स्‍टॉल कॉन्‍ट्रैक्‍ट आधार पर थर्ड पार्टी को दिए जाते हैं जो इन्‍हें सब-कॉन्‍ट्रैक्‍ट के रूप में देती है. यह स्‍टॉल प्रति मैच प्रति स्‍टॉल एक तय कीमत पर दिए जाते हैं.

नए ब्रांड आईपीएल पर जमकर खर्च कर रहे हैं पैसा
नए ब्रांड क्रिकेट पर जमकर पैसा लगा रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण चीनी मोबाइल कंपनी ओप्‍पो है. कंपनी ने भारतीय क्रिकेट टीम की अपैरल और गियर स्‍पॉन्‍सरशिप का अधिकार 1079.29 करोड़ रुपए में खरीदा है. एक अन्‍य चीनी कंपनी वीवो ने भारत में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिए आईपीएल पर 768 करोड़ रुपए का दांव लगाया है.

ये भी पढ़ें: 4000 रुपये की CNG मुफ्त में दे रही यह कंपनी, ऑफर पाने का ये है तरीका

यह 8 टीमें ले रही हैं भाग
कोलकाता नाइट राइडर्स, मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, दिल्‍ली कैपिटल, किंग्‍स इलेवन पंजाब, सन राइजर्स हैदराबाद, गुजरात लॉयन्‍स और राइजिंग पुणे.



Source link



from Cricket – India News https://ift.tt/2A4gDU9

No comments:

Post a Comment

SEO Web Hosting

Pages