आईसीसी की विवाद निवारण समिति ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया. पीसीबी ने बीसीसीआई पर द्विपक्षीय सीरीज पर एमओयू का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया था.
बीसीसीआई ने बयान में कहा, ‘दुबई में तीन दिन तक दोनों पक्षों के साक्ष्य और जिरह पर सुनवाई के बाद, विवाद निवारण समिति ने पीसीबी के सभी दावे खारिज कर दिए और बीसीसीआई के पक्ष को स्वीकार किया जो इस आधार पर था कि बीसीसीआई का पत्र बाध्यकारी नहीं था और यह सिर्फ खेलने की इच्छा जताई गई थी.’
बयान के अनुसार कहा, ‘बीसीसीआई तहेदिल से विवाद निवारण समिति के फैसले का स्वागत करता है. बीसीसीआई अब पीसीबी से मुकदमे का खर्चा वसूलने के लिए विवाद निवारण पैनल की शरण में जाएगा.’पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने किया स्वागत
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के 447 करोड़ रुपये के मुआवजे के दावे को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के खारिज करने के फैसले का पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को स्वागत किया.
पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष ठाकुर ने कहा, ‘मैं आईसीसी के इस फैसले का स्वागत करता हूं, क्योंकि बीसीसीआई से पीसीबी की मुआवजे की मांग एकदम बेतुकी थी.’
उन्होंने कहा, ‘भारत से द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज को लेकर मुआवजा मांगने के बजाय पाकिस्तान को इस बात पर ध्यान देना चाहिये कि दोनों देशों के आपसी संबंध किस तरह बेहतर हो सकते हैं. पाकिस्तान को भारत विरोधी आतंकवादी घटनाओं पर रोक लगानी चाहिये. उसे अपनी सीमा से भारत में आतंकी घुसपैठ कराने का सिलसिला बंद करना चाहिये.’
पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष ने उम्मीद जतायी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खासकर पूर्व क्रिकेटर होने के नाते अपनी ओर से प्रयास करेंगे कि भारत के खिलाफ आतंकी गतिवधियों पर रोक लगाते हुए द्विपक्षीय माहौल सुधारा जाये.
गौरतलब है कि द्विपक्षीय सीरीज से जुड़े सहमति पत्र (एमओयू) का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाते हुए पीसीबी ने अपने दावे के तहत बीसीसीआई से 447 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी. इस एमओयू के तहत भारत को वर्ष 2015 से 2023 के बीच पाकिस्तान से छह द्विपक्षीय सीरीज खेलनी थीं.
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