वॉर्न लिखते हैं, ‘‘ मोहम्मद कैफ ने कुछ ऐसा किया जिसका हल तुरंत करना जरूरी था. जब हम राजस्थान रॉयल टीम के तौर पर होटल पहुंचे तो सभी खिलाड़ी अपने-अपने रूम की चाबी लेकर चले गये।’’ उन्होंने बताया, ‘‘ कुछ मिनट बाद जब मैं टीम के मालिकों के साथ रिसेप्शन पर बात-चीत कर रहा था तभी कैफ वहां पहुंचे और उन्होंने रिसेप्शनिस्ट से कहा ‘मैं कैफ हूं’. रिसेप्शनिस्ट ने कहा,‘ हां, मैं किस तरह आपकी मदद कर सकता हूं’. कैफ ने फिर से जवाब दिया, ‘ मैं कैफ हूं’.’’ वॉर्न इसके बाद कैफ के पास पहुंचे और उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है उन्हें पता है, आप कौन हैं, आप क्या चाहते हैं? कैफ ने जवाब दिया, ‘हर खिलाड़ी की तरह मुझे भी छोटा कमरा मिला है.’ मैंने कहा, ‘आप बड़ा कमरा चाहते है या कुछ और.’
उन्होंने फिर से वही जवाब दिया मैं कैफ हूं. मैं सीनियर खिलाड़ी हूं, एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हूं, इस लिए मुझे बड़ा कमरा चाहिए।’’ वॉर्न ने आगे लिखा, ‘‘ मैंने उन्हें कहा कि हर किसी को एक तरह का ही कमरा मिला है. सिर्फ मुझे बड़ा कमरा मिला है क्योंकि मुझे कई लोगों से मुलाकात करनी होती है. इसके बाद कैफ वहां से चले गये.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे यह समझने में देर नहीं लगा कि सीनियर भारतीय खिलाड़ी खुद को ज्यादा तरजीह मिलने की उम्मीद करते हैं इसलिए सबका सम्मान पाने के लिए मुझे सबके लिए एक समान नियम बनाना होगा.’’
24 के वक्त 34 साल के थए मुनाफ पटेल!शेन वॉर्न मुनाफ पटेल की उम्र पर भी मजाक किया. वॉर्न ने जब मुनाफ से उनकी उम्र के बारे में पूछा तो मुनाफ ने उन्हें कहा, ‘‘ कप्तान, आप मेरी असली उम्र जानना चाहते है या आईपीएल की उम्र.’’ वर्न ने कहा, ‘‘ मैं सिर्फ जानना चाहता हूं की आपकी उम्र क्या है?’’ मुनाफ के जवाब ने वॉर्न को प्रभावित किया. मुनाफ ने कहा, ‘‘ मैं 24 का हूं लेकिन मेरी असली उम्र 34 साल है. मैं आपको अपनी आईपीएल उम्र बताउंगा जो 24 हैं क्योंकि मै यहां ज्यादा समय के लिए खेलना चाहता हूं. अगर मै 34 का रहूंगा तो कोई मेरा चयन नहीं करेगा. जितना अधिक संभव हो मैं 30 साल से कम उम्र का रहना चाहता हूं.’’
अनुशासनहीन थे जडेजा!
वॉर्न ने अपनी किताब में रवींद्र जड़ेजा की अनुशासनहीनता का भी जिक्र किया है. वॉर्न के मुताबिक, ‘‘ जब से हमने खेल को लेकर उसके रवैये और जोश को देखा तब से उसे पसंद करने लगे. उसमे कुछ ‘करिश्मे’ वाली बात थी इसलिए हमने उसे थोड़ी रियायत दे दी लेकिन उसके साथ अनुशासन की समस्या थी जो युवा खिलाड़ियों को गलत मार्ग की ओर ले जाता.’’ वॉर्न ने लिखा, ‘‘ हम कुछ चीजों को नजरअंदाज कर सकते है लेकिन कोई बार-बार देर से आये ये मंजूर नहीं और जड़ेजा लेटलतीफ थे. स्टेडियम में अभ्यास के लिए होटल से बस सुबह नौ बजे निकल गयी लेकिन जडेजा बस में नहीं पहुंचे. वह मैदान भी लेट पहुंचे. वापसी में मैंने बीच रास्ते में बस रूकवाया और लेट आने वाले खिलाड़ी को वहां से पैदल होटल आने को कहा, इस पर एक खिलाड़ी ने चुटकी ली तो मैंने उसे भी यही सजा दी. इसके बाद कोई खिलाड़ी लेट नहीं करता था.’’
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