कुंबले ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया के पास इस सीरीज में उनके सबसे बेहतरीन खिलाड़ी स्मिथ और वॉर्नर का होने या न होने का कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि जिस तरह की काबिलियत मौजूदा टीम इंडिया में है उसे देखते हुए वे इस सीरीज को जीतने के प्रबल दावेदार नजर आते हैं. वे इंग्लैंड और द. अफ्रीका में जीत हासिल करने से चूक गए लेकिन ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर हराने का ये सबसे बेहतरीन मौका है.”
कुंबले ने बताया कि टीम इंडिया द. अफ्रीका और इंग्लैंड में कुछ अहम मौकों को नहीं भुना पाई और उसी वजह से वहां हारी. उन्होंने कहा, “अगर आपको सीरीज जीतनी है, खासतौर पर जब रन कम बने हों और आप एक अच्छी टीम के खिलाफ उन्हें की पिच में खेल रहे हों तो वे अहम पल भुनाने जरूरी हो जाते हैं. साथ ही उन सीरीजों में देखा गया कि टीम इंडिया प्लेइंग इलेवन को चुनने को लेकर गलती कर बैठी इसलिए इस बार इसको लेकर पहले मैच से सजग रहना होगा. इसके अलावा आपको महत्वपूर्ण मौकों को पहचानना होगा तभी भारत सीरीज जीतने की दावेदारी पेश कर पाएगा.”
ये भी पढ़ें: इयान चैपल ने टीम इंडिया के मौकों पर उठाए थे सवाल, अब स्टीव वॉ ने कही ये बातहाल की सीरीजों में भारतीय बल्लेबाजों की नाकामयाबी और गेंदबाजों की अतिरिक्त जिम्मेदारी के बारे में बातचीत करते हुए कुंबले ने कहा, “मुझे लगता है कि मैच जीतने लिए गेंदबाजों का पूरे 20 विकेट लेना जरूरी है और उन्हें ये लगातार करना होगा. चूंकि, पिछली कुछ सीरीजों में बल्लेबाजों का प्रदर्शन का उतना बढ़िया नहीं रहा है इसलिए इस बार उन्हें जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी. खासतौर पर टॉप ऑर्डर को. हम जानते हैं कि सीरीज ओपनर जिताते हैं और मैच लोअर ऑर्डर के योगदान से जीते जाते हैं. इसलिए आपको एक अच्छी शुरुआत की दरकार होगी लेकिन अगर शुरुआत अच्छी मिली तो बेस अच्छा बन जाएगा.”
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय बल्लेबाजों को खेलने की कंडीशन कैसी मिलेंगी. इस बात पर बातचीत करते हुए कुंबले ने कहा, “वहीं कंडीशन तो थोड़ी कठिन होंगी ही. ज्यादातर टीमों के ब्रिसबेन में परेशानी होती है. यहां बाउंस और पेस के साथ थोड़ा मूवमेंट भी होता है. इसलिए एडिलेड से शुरुआत टीम इंडिया के लिहाज से ठीक है क्योंकि यह एक अच्छा ट्रैक है. पहले दिन 1 घंटे का खेल गुजर जाने के बाद यह बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग बन जाती है. साथ ही स्क्वेयर बाउंड्री छोटी हैं और बाउंस भी ठीक है. अगर भारत ने इस टेस्ट में पहले दिन लय हासिल कर ली तो जाहिर तौर पर उन्हें लाभ मिलेगा.”
ये भी पढ़ें: मुरली विजय ने ठोका शतक, केएल राहुल ने भी दिखाए हाथ, अभ्यास मैच हुआ ड्रॉकोहली की कप्तानी स्टाइल और उनके रोल के बारे में बातचीत करते हुए कुंबले ने कहा, “विराट कोहली ने जो भी अनुभव इंग्लैंड और द. अफ्रीका में हासिल किया है उससे उन्होंने बहुत कुछ सीखा होगा. लेकिन उन्हें छोटे-छोटे मौकों को मैदान पर भुनाने के लिए तैयार रहना होगा. जब भारत 5-6 विकेट झटक ले तब उन्हें थोड़ा संतुष्टि दिखानी होगी. मुझे यकीन है कि यह उन्होंने इंग्लैंड में हासिल किए अनुभव से जरूर सीखा होगा. ऑस्ट्रेलिया के पास लोअर ऑर्डर में अच्छी बैटिंग है.”
“कमिंस ने कई बार भारत के खिलाफ अच्छी बैटिंग की है साथ ही स्टार्क भी ये कारनामा कर चुके हैं. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया टीम के लोअर ऑर्डर की काबिलियत से परिचित है. इसलिए वे इस बात को हल्के में नहीं लेना चाहेंगे. कप्तान के तौर पर आप लगातार चीजें सीखते रहते हो. वहीं कंडीशन थोड़ी अलग होंगी इसलिए जिस तरह से आप गेंदबाजी करते हैं उस हिसाब से आपको गेंदबाजी अलग अंदाज में करनी होगी, खासतौर पर कूकाबुरा गेंद से. भारतीय टीम को 20 से 60 ओवर के बीच चुनौती मिलेगी.”
वैसे कुंबले ने ये भी कहा कि टीम इंडिया की मजबूत टीम को देखते हुए वे इस सीरीज के 2-1 से जीत सकते हैं. पहला टेस्ट 6 दिसंबर से एडिलेड में शुरू हो रहा है.
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